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विशेषज्ञ बनने की यात्रा : भुमित्रालैब (Bhumitralab)


भूमित्रा लैबोरेट्रीज, तीन शब्दों का संयोजन है, "भूमि" + "मित्र", और "लैबोरेट्रीज" मतलब प्रयोगशाला , जिसका अर्थ हुआ एक ऐसी संगठन न केवल समुदाय के लिए, बल्कि मिट्टी के उपयोग के लिए भी एक मित्र के रूप में काम करती है । यहाँ प्रौद्योगिकी कि मदद से भूमि को पुनर्जीवित करने और इसे स्वस्थ रखने के उपायों का आविष्कार होता है। इनकी टीम विशेषज्ञों का एक समूह है जो मिट्टी की गुणवत्ता, फसल चयन से लेकर फसल के लिए पर्याप्त बाजार तक परामर्श और समाधान प्रदान करती है, ताकि किसानों को उनकी फसल का सर्वोत्तम मूल्य मिल सके।


भूमित्रा लैबोरेट्रीज की सबसे पहले जैव-उर्वरक "बलराम" से शुरुआत की। जो लोग इस नाम से परिचित नहीं है, उनके लिए "बलराम " भगवान कृष्ण के बड़े भाई हैं, और इन्हे खेती के देवता के रूप में जाना जाता है। यह उर्वरक, भगवान् बलराम की तरह, हर तरह से खेत और फसल को समृद्ध करता है, मिट्टी को साफ और उसके पोषक तत्वों और सूक्ष्मजीवों को बढ़ाता है। मैदान पर इसकी सफलता और इसी के साथ भुमित्रा लैबोरेट्रीज टीम की विशेषज्ञ सलाह ने अनेक किसानों को, यहाँ का वफादार ग्राहक बना दिया है। इन्ही किसानों ने राहुल को एक भारतीय स्टार्ट-अप प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण करने के लिए अनुरोध किया । जहाँ देश भर में 16 हजार से अधिक प्रतिभागियों में , भुमित्रा टीम ने एक के बाद एक 8 राउंड में बढ़त बनाई रखी, और 2018 में इन्हे पहला कृषि राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।


इस पुरस्कार ने भूमित्रालैब को उनके इनक्यूबेशन पार्टनर के रूप में "अनलिमिटेड इंडिया" से जोड़ा । यहाँ उन्हें अपनी योजनाओ और समाधानों को बढ़ाने के लिए काफी सलाह मिली। और इधर ही इन्हे "गिवफंड्स" से मिलने का मौका मिला । जब COVID के दौरान, बाजार और स्थितियां चुनौतीपूर्ण हो गईं थी, तो आलोक में तरलता बनाए रखने के लिए, उन्होंने Givfunds से ऋण के लिए संपर्क किया। इन रुपयों ने उन्होंने 40 से अधिक परिवारों को आजीविका प्रदान करने में मदद की।


राहुल कहते हैं, “मैंने इतनी तेज प्रक्रिया और ऋण वितरण कभी नहीं देखा। हमें ऐसे संगठनों की ज़रूरत है जो आप पर विश्वास करे और मदद के लिए तैयार हों । इरवान और एडवर्ड का विशेष धन्यवाद, जो न केवल विनम्र श्रोता हैं, बल्कि ज़मीनी हकीकत को, यहाँ की कठिनाइयों को समझने के लिए भी विचारशील हैं।


वर्तमान में, भूमित्रलाब का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नागपुर (IIT, राष्ट्रीय प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक) के साथ, एक तकनीकी गठजोड़ है | जो नए अनुसंधान और उत्पादों के विकास के लिए साथ में काम करेगा ।

भुमित्रा लैब न केवल नए उत्पादों में, बल्कि अपने काम करने के तरीके में भी कुछ नयापन लाये हैं। वर्तमान में, उनकी कोर टीम छोटी है, जिसमें राहुल निर्देशक और विपणन (मार्केटिंग) का नेतृत्व कर रहे हैं, इनके सह-संस्थापक मुकेश उत्पाद विकास और संचालन का नेतृत्व करते हैं। टेक्नोलॉजी, मिट्टी के अनुसंधान के लिए विशेषज्ञ है और मार्केटिंग में 3 लोग हैं। इसके अलावा, प्रत्येक गांव में "भूमित्र" प्रतिनिधियों के साथ काम करते हैं और उन्हें सशक्त बनाते है। युवा किसान जो अतिरिक्त आय अर्जित करना चाहें वो भूमित्रा लैब के लिए उनके टेक्निकल - मार्केटिंग एजेंट के रूप में काम करते हैं। भूमित्र" प्रतिनिधियों कीऑन-बोर्डिंग, 5 दिनों के गहन प्रशिक्षण के साथ शुरू होती है - २ दिन का तकनिकी प्रशिक्षण और 3 दिन का क्षेत्र प्रशिक्षण। एक गांव में एक भुमित्र के साथ, इस मॉडल ने उन्हें पूरे भारत में 4 राज्यों के 230 गांवों तक पहुंचने में मदद की है ।


भुमित्रा लैब, 2025 तक 1,000 से अधिक गांवों तक पहुंचने का दृष्टिकोण रखती है, और जैविक खेती के लाभों और आजीवन मिट्टी को स्वस्थ बनाए रखने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अग्रसर है । उनका योगदान यहीं नहीं रुकता, इनका उद्देश्य मातृभूमि और समुदाय की सेवा करना है। कोविड-19 के दौरान, नकदी प्रवाह में कमज़ोरी के बावजूद भी टीम ने भूमित्र और उनके परिवारों के लिए कई खाद्य अभियान, कोविड टीकाकरण की भी व्यवस्था की ।


भुमित्रा लैब इस जागरूकता को देश-विदेश के कोनो तक पहुंचाने और फैलाने के तरीकों की तलाश कर रही है। हाल-फिलहाल इन्होने वीडियो-कॉल पर विशेषज्ञ के ज़रिये सहायता आयोजित की , और यूट्यूब पर भी कुछ ज्ञान -वीडियो बना कर डाले हैं। यदि आप खुद, या आपकी पहचान में किसी को बीज-मिटटी-फसल - खेती से जुडी किसी भी विशेषज्ञ - टिप्पड़ी की ज़रूरत हो तो आप राहुल को उनके इन नंबर +9190216 92170 या +9183790 83565 पर संपर्क कर सकते हैं, जो की नि: शुल्क सेवा है।


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